• December 23, 2024 10:26 pm

अंतिम दिन विषय विशेषज्ञों और पैनलिस्टों ने प्लेनरी सेशन में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए…

ByAyushi News

Dec 15, 2024

देहरादून में आयोजित 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 के अंतिम दिन विषय विशेषज्ञों और पैनलिस्टों ने प्लेनरी सेशन में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। यह आयोजन 12 से 15 दिसंबर 2024 तक 4 दिन चला चला। जिसमें देश-विदेश के आयुर्वेद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशनर्स और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्र पुष्कर सिंह धामी द्वारा इसका शुभारंभ किया गया और आज महामहिम राज्यपाल द्वारा इसका समापन किया गया यह आयोजन न केवल आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का अवसर था, बल्कि वैश्विक मंच पर आयुर्वेद को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास भी है। विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन, आयुष मंत्रालय और उत्तराखण्ड सरकार के समन्वय से इसका सफल आयोजन संपादित हुआ। चार दिवसीय इस आयोजन में आयुर्वेद से संबंधित बड़े बहुमूल्य सत्र संपादित हुए।

10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के चौथे दिन में फ्री आयुष क्लीनिक में 1576 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया गया व आवश्यक औषधियां वितरित की गयी। आरोग्य एक्सपो में विभिन्न आयुर्वेद हिमालय वैलनेस, पतंजलि वेलनेस, सोमथीराम आयुर्वेद ग्रुप, धूतपापेश्वर लि०, मुल्तानी, डाबर लि० आदि कंपनियों के स्टॉल उपलब्ध रहे

आयोजन में स्थापित अलकनंदा हॉल में 27 वैज्ञानिक सत्र, भागीरथी हॉल में 28, मन्दाकिनी हॉल में 39, पिंडर हॉल में 33, नंदाकिनी हॉल में 35, धौलीगंगा हॉल में 26, कोसी हॉल में 41 तथा गिरी हॉल में 46 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। जिसमें 3140 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। डॉ. सिनिमोल टी.पी. ने मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) के प्रारंभिक लक्षणों के प्रबंधन पर अपना वीडियो प्रस्तुतीकरण दिया, उन्हें बेस्ट पेपर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस दौरान इटली के डॉ. अंटोनिओ ईश्वर मरांडी ने विज्ञान और आध्यात्मिकता का सामंजस्य पर व्याख्यान दिया। उन्होंने G.A.N.E.S.H.- Global ayurvedic network for excellence in science harmonisation का विचार दिया। यह वैश्विक आयुर्वेद नेटवर्क (Global Ayurvedic Network) आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान को एकीकृत कर एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर एक मानक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिससे यह आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ प्रभावी रूप से जुड़ सके।