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सुशासन और जनकल्याण को समर्पित धामी सरकार -जनता से किये वादों को पूरा करने के लिए एक माह में लिये महत्वपूर्ण फैसले

ByAyushi News

Apr 23, 2022

देहरादून, उत्तराखण्ड की धामी 2.0  सरकार ने आज अपना एक माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवधि में मुख्यमंत्री धामी अटैकिंग मोड में रहे। उनका जोर प्रशासनिक सुधार और सुशासन  पर रहा। जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को लेकर उन्होंने सख्त संदेश दिए। कई कड़े फैसलों से भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया। भ्रष्टाचारियों की सीधी शिकायत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064’ भी लॉच किया गया।  समान नागरिक संहिता को लागू करने और बाहरी नागरिकों के वैरिफिकेशन पर की गई ठोस पहल की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 नवम्बर 2021 को केदारनाथ धाम में आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा। मोदी जी की इस सोच को सूत्रवाक्य मानकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सधे कदमों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अगले एक दशक में उन्हें मोदी जी के इस सपने को हकीकत में बदलना है लिहाजा, अपनी दूसरी पारी में  सूझबूझ के साथ वह अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। अब तक  कई ऐसी पहल कर चुके हैं जो आगे चलकर उत्तराखण्ड की तरक्की में मील का पत्थर साबित होंगे। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट में ही अपने इरादे साफ कर दिए। समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए अपने वायदे को पूरा करने की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाया। धामी 2.0 सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्ध जनों और अन्य स्टेकहाल्डर्स की एक कमेटी गठित की जाएगी जो कि उत्तराखण्ड राज्य के लिये यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री धामी जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये जरूरी है कि अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाए। इसके लिये उन्होंने प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नागरिकों का सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अमल शुरु कर दिया गया है। तीर्थाटन को बढ़ावा मिले इसके लिए चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई गई है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की शुरूआत जल्द होने वाली है। मिशन मायापुरी के अंतर्गत हरिद्वार को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिये सबसे बड़े स्थलों के रूप में बदलने के लिये उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी जनहित से जुड़े कई कल्याणकारी फैसले भी ले चुके हैं। निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत अब पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं वृद्धावस्था, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान तथा दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदत्त दर 1200 रूपये प्रतिमाह में 200 रूपये की वृद्धि की गई है। अब इनमें प्रतिमाह 1400 रूपये पेंशन प्राप्त होगी।
बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी मुख्यमंत्री धामी लगातार ध्यान दे रहे हैं। उनकी मजबूत पहल पर केंद्र सरकार ने एन.एच. 72 के पांवटा साहिब-बल्लूपुर (देहरादून) खण्ड के उन्नयन और फोर लेन के निर्माण के लिये 1093.01 करोड़ रूपये के बजट की स्वीकृति दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना का खाका तैयार कर लिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में ट्रेफिक समस्या को दूर करने के लिये पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सर्फेस पार्किंग के साथ ही मल्टीस्टोरी पार्किंग, केविटी पार्किंग व टनल पार्किंग भी विकसित किये जाने की योजना है। महिला सशक्तीकरण धामी सरकार की प्राथमिकता में है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष गठित करने का निर्णय ले लिया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किया गया तीन सिलेण्डर मुफ्त देने के वायदे को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड राज्य में संचार नेटवर्क की अहमियत धामी सरकार को पता है। लिहाजा, उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 जी/5 जी मोबाईल नेटवर्क एवं हाई स्पीड ब्राडबैंड व फाइबर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जाने का प्रस्ताव बन चुका है। किसानों का सामाजिक स्तर उठाने और उनकी आय दोगुना करने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर ’सीएम किसान प्रोत्साहन निधि’ की शुरूआत की जा रही है। साथ ही धामी सरकार उत्तराखण्ड को जैविक प्रदेश बनाना चाहती है, इसके लिए एक अखिल भारतीय बाजार बनाने को ’उत्तराखण्ड आर्गेनिक्स ब्रांड’ बनाया जा रहा है।