देहरादून, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बदहाल हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यहां तक कि जिला अस्पताल भी रेफर सेंटर का काम कर रहे हैं। किसी प्रसव पीड़िता को प्रसव कराने की जिला अस्पताल के स्तर पर पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण लोगों को देहरादून और हल्द्वानी रेफर करना एक आम बात हो गई है।
कल देहरादून में एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद जिस तरह से महानिदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर शैलजा भट्ट अपना इलाज सरकारी अस्पताल में कराने के बजाय मैक्स अस्पताल में भर्ती होकर के सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने का काम किया वह अपने आप में चिंताजनक है। स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सरकार और स्वास्थ्य महकमे से जुड़े सारे लोगों को इस प्रश्न का जवाब देना चाहिए कि अगर स्वास्थ्य सेवाएं चुस्त-दुरुस्त है तो डॉक्टर शैलजा भट्ट एक प्राइवेट चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज क्यों करा रही है, और अगर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में स्वास्थ्य मंत्री बड़ी-बड़ी बातें करके लोगों को गुमराह करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि देहरादून से लेकर के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में हैं। सरकार को महानिदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर शैलजा भट को को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए निर्देशित करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो फिर उनको इस पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। यहां तक कि नैतिकता के आधार पर स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।