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घूस की 1719 शिकायतों में से जांच के लिए दर्ज हुईं 136, ऑफिसर लेवल के 2 पद खाली

ByAyushi News

Sep 19, 2022

सरकारी पदों पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने वाले लोकपाल को इस साल अभी तक 1,719 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 136 को जांच करने के लिए दर्ज किया गया है। सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के अनुसार, लोकपाल के कार्यालय ने बताया कि 2022-23 (21 अगस्त 2022) तक मिली कुल शिकायतों में से 134 निर्धारित प्रारूप में थी और 1,585 बिना निर्धारित प्रारूप के थीं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, निर्धारित प्रारूप में मिली 133 घूस की शिकायतें दर्ज की गई, जिनमें से 83 का समाधान कर दिया गया और 50 लंबित हैं। लंबित शिकायतों में से 12 की जांच चल रही है। लोकपाल के कार्यालय ने बताया कि बिना निर्धारित प्रारूप के मिली शिकायतों में केवल तीन दर्ज की गईं। उसने बताया कि 2022-23 में घूसखोरी की कुल 1,719  शिकायतों में से 1,635 शिकायतें लंबित हैं।

निर्धारित प्रारूप में शिकायत दर्ज कराने का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में लोकपाल (शिकायत) नियम अधिसूचित किए थे, जिसमें एक निर्धारित प्रारूप में शिकायत दर्ज कराने का प्रस्ताव रखा गया। लोकपाल ने पिछले महीने केवल निर्धारित प्रारूप में मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों को ही स्वीकार करने का फैसला किया था। लोकपाल को 2021-22 के दौरान 5,680 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 169 निर्धारित प्रारूप में थीं और 5,511 शिकायतें बिना प्रारूप के थीं।

जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक का पद खाली
लोकपाल कार्यालय ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक का पद खाली है। अभी अभियोजन और जांच शाखाएं गठित नहीं की गई हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और केंद्रीय सतर्कता आयोग की मदद से उपलब्ध श्रमबल के साथ ही काम किया जा रहा है।’ लोकपाल इस साल 27 मई से अपने नियमित प्रमुख के बिना ही काम कर रहा है। लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। 2 वर्ष से न्यायिक सदस्यों के दो पद भी खाली हैं।