स्वरा भास्कर की फिल्म ‘जहां चार यार’ सिनेमाघरों में बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। स्वरा इस वक्त फिल्म के प्रमोशन में व्यस्त हैं। बेबाक बयानों की वजह से जानी जाने वालीं स्वरा ने अब बॉलीवुड को निशाने पर लिए जाने को लेकर कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग आवाजें होनी चाहिए। लोग सहमत असहमत हो सकते हैं और यही खूबी है। स्वरा ने अक्षय कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि वह जिस तरह की फिल्मों का समर्थन करते हैं वह उससे सहमत नहीं होतीं।
अक्षय कुमार की फिल्म ‘कठपुतली’ हाल ही डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। इस साल अक्षय की ‘बच्चन पांडे‘, ‘सम्राट पृथ्वीराज‘ और ‘रक्षा बंधन‘ सिनेमाघरों में आई है। तीनों ही फिल्में फ्लॉप रहीं। सोशल मीडिया पर अक्षय की फिल्मों को लेकर बायकॉट ट्रेंड देखा गया।
अक्षय पर क्या बोलीं स्वरा
क्या बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सॉफ्ट टारगेट होते हैं? स्वरा ने द हिंदू के साथ इंटरव्यू में कहा, ‘हम कहानी को कहने वाले लोग हैं और हमें ईमानदारी से कहानियां सुनानी चाहिए। मुझे लगता है कि खुद को प्रोपेगेंडा का प्लेटफॉर्म बनने से बॉलीवुड को बचना चाहिए। बॉलीवुड कभी भी ऐसी जगह नहीं रहा कि यहां एक ही आवाज निकलती रही। यही इसकी खूबी है… मैं अक्षय कुमार से सहमत नहीं हूं क्योंकि वह जिस तरह की फिल्मों का समर्थन करते हैं… लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं चाहती हूं उनकी फिल्में फ्लॉप हो जाएं या उन्हें अपनी फिल्में रिलीज नहीं करनी चाहिए।‘
‘मॉब कल्चर से कोई सुरक्षित नहीं’
स्वरा कहती हैं कि लोकतंत्र में लोगों को अपने राजनीतिक विचारों को व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘पहले वो सोचते थे, स्वरा प्रॉब्लम है। हम सत्तावाद के कल्चर को सही ठहरा रहे हैं। मॉब कल्चर से कोई भी सुरक्षित नहीं रहने वाला। बात बस इतनी सी है कि मैं लाइन में दूसरों से ठीक आगे हूं।‘