• December 23, 2024 10:13 pm

इस्लामी शिक्षा और शरीयत को आम करने की जरूरतः जमीयत -समाजिक बुराइयों को दूर करने के लिये जागरूकता अभियान चलाएगी जमीयत -देश को समान नागरिक संहिता की जरूरत नहींः कासमी -संविधान ने सभी को अपने धर्मानुसार आचरण की दी है इजाजत

ByAyushi News

Sep 25, 2022

देहरादून, इस्लामी शिक्षा इंसान को दुनिया में बेहतर जीवन यापन करने के साथ-साथ आखिरत की खुशनुदी हासिल करने का भी रास्ता दिखाती है। इस लिये इस्लामी शिक्षा ओर शरीयत को आम करने की जरूरत है। यह बात जमीयत उलेमा हिन्द की देहरादून जिला इकाई की बैठक में उलेमाओं ने कही। रविवार को मर्कज बशारतुल इस्लामी भुड्डी शिमला रोड में जमीयत की माहाना बैठक जिला अध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में समाजिक बुराईयों जैसे दहेज प्रथा, नशा, समान नागरिक संहिता, मदरसों का सर्वे व मस्जिदों में लाउडस्पीकर के उपयोग में आ रही अड़चनों आदि मुद्दो पर विचार-विमर्श किया गया।
इस मौके पर जमीयत के जिला अध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी ने कहा कि इस्लामी शिक्षा ओर शरीयत को घर-घर पहुंचाने के लिये शहर के अलग-अलग हिस्सों में सेमिनार आयोजित किये जाएंगे। आम जनता तक इस्लामी शिक्षा ओर शरीयत के कानून को पहुंचाने की जिम्मेदारी उलेमा की है। जमीयत मस्जिदों के प्रबंधकों व इमामों के साथ मिलकर समाजिक बुराईयों को दूर करने का काम करेगी। बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि मस्जिदों में उपयोग होने वाले लाउडस्पीकर नही उतारे जाएंगे। हाईकोर्ट के मानकों के अनुरूप उपयोग किया जाएगा। बैठक में समान नागरिक संहिता पर कहा गया की संविधान ने सभी को अपने धर्मानुसार आचरण करने की इजाजत दी है, इसलिये समान नागरिक संहिता की जरूरत नही है।
बैठक की शुरूआत मर्कज बशारतुल इस्लामी के छात्र दिलशाद की तिलावत से हुई। बैठक की अध्यक्षता जमीयत के जिला अध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी व संचालन प्रवक्ता हाफिज मौहम्मद शाहनजर ने किया। इस मौके पर जिला महासचिव मौलाना इफतिखार कासमी, जिला उपाध्यक्ष मौलाना अब्बास कासमी, जिला सचिव मौलाना रिहान गनी, जिला कोषाध्यक्ष कारी आबिद, मौलाना कासिम कासमी, मौलाना फारूक कासमी, मौलाना नसीबुद्दीन कासमी, कारी अबुल फजल, मौलाना गुलशेर, शहर अध्यक्ष मौलाना राशिद कासमी, जिला उपाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, महानगर महासचिव खुर्शीद अहमद, कारी अब्दुल समद, मुफ्ती अयाज अहमद जामई, हाफिज हुसैन, कारी शाहवेज, कारी मुंतजिर व तौसीफ खान आदि मौजूद रहे।