मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ अब पूरी तरह से सुरक्षित है। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। चारधाम यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, इस साल यात्रा बीते साल से अधिक सुरक्षित और सुगम होगी। जोशीमठ आपदा को लेकर कुछ लोगों के मन में संशय की स्थिति पैदा हो गई थी लेकिन अब स्थिति सामान्य है और यहां सभी काम पूर्ववता सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं। किसी भी यात्री को डरने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आपदाएं तो आए साल आती रहती है। केदारनाथ आपदा, रैणी आपदा, उत्तरकाशी आपदा, नैनीताल और चंपावत आपदा व जलधारा आपदा न जाने कितनी आपदाएं अब तक आती रही हैं। लेकिन केदार बाबा और भगवान बद्रीनाथ की कृपा से सब ठीक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियां यात्रा के समापन के बाद ही शुरू कर दी गई थी वह खुद अब तक 4 बार यात्रा की तैयारियों पर अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। हमारी सभी तैयारियां पूरी हैं अब तक केदार धाम, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ धाम आने वाले 11 लाख यात्रियों ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है। यह संख्या कोई छोटी संख्या नहीं है। बीते साल 50 लाख यात्री आये थे। इस बार यह रिकार्ड भी टूट जाएगा।
सीएम धामी ने कहा कि केदारधाम में विकास कार्यों के साथ बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए भी मास्टर प्लान पर काम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारधाम की भूमि से कहा था कि यह मेरे लिए कर्म और मर्म की भूमि है यहीं से उन्होंने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड के विकास का दशक होने की बात कही थी। प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप हम काम कर रहे हैं। जिन्हें सीमांत गांव कहा जाता था वहां तक विकास को पहुंचाने के लिए वाइब्रेट गांव की योजना लाई गई है।